नयी दिल्ली: नक्सल आंदोलन के शीर्ष नेता और रीढ़, भाकपा-माओवादी का महासचिव नंबाला केशव राव उर्फ बसवराजू बुधवार को छत्तीसगढ़ में सुरक्षा बलों द्वारा मारे गए 27 खूंखार नक्सलियों में शामिल था।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने यह जानकारी देते हुए बताया कि नक्सलवाद के खिलाफ भारत की लड़ाई के तीन दशकों में यह पहली बार है कि महासचिव स्तर के किसी नेता को सुरक्षा बलों ने मार गिराया है।
70 वर्षीय बसव राजू भारत के सबसे वांछित माओवादी नेताओं में से एक थे, जिनके सिर पर 1.5 करोड़ रुपये का इनाम था। आंध्र प्रदेश के श्रीकाकुलम जिले के जियान्नापेटा गांव के मूल निवासी था। उसने वारंगल में क्षेत्रीय इंजीनियरिंग कॉलेज (आरईसी) से बीटेक की डिग्री हासिल की थी।वह 1970 के दशक में माओवादी आंदोलन में शामिल हो गए थे और गंगन्ना, कृष्णा, नरसिम्हा और प्रकाश सहित कई उपनामों के तहत काम करने के लिए जाना जाता था। माना जाता है कि एक दशक से ज़्यादा समय तक पार्टी का नेतृत्व करने के बाद गणपति फिलीपींस भाग गया है। बसव राजू को भारत में हुए कुछ सबसे ख़तरनाक माओवादी हमलों का मास्टरमाइंड माना जाता था। माओवादी नेता ने 2010 में छत्तीसगढ़ के चिंतलनार में 76 सीआरपीएफ जवानों की हत्या और 2013 में झीरम घाटी में हुए हमले में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी, जहां एक क्रूर हमले में कई कांग्रेस नेता मारे गए थे।रिकॉर्ड में कोई उसकी हालिया तस्वीर भी नहीं थी, जिससे उन्हें ट्रैक करना बेहद मुश्किल हो गया था।